की किसमेर गम दिलो

की किसमेर गम दिलो

🔷 परिचय: जब मोहब्बत ने छोड़ दिया साथ

की किसमेर गम दिलो मी भुलुआ नि पाहि” एक ऐसा

Surjapuri भावनात्मक गीत है जो टूटे दिल की टीस को सुरों में पिरोता है।

यह गीत सुधीर सिंघा की लेखनी से निकला ऐसा नगमा है

जो सच्चे प्यार, वादों की बेवफाई, और बिछड़न के दर्द को गहराई से बयां करता है।

गीत में लड़का और लड़की, दोनों की आवाज़ में वही एक

बात बार-बार गूंजती है — “ई गम भुलुआ नी पाहि…

यानी कुछ दर्द ऐसे होते हैं जो वक्त के साथ भी नहीं मिटते।


🧑‍🤝‍🧑 टूटे रिश्ते की कहानी – भावों में डूबी बातचीत

गाने की शुरुआत एक करुण स्वर से होती है, जहाँ

लड़का और लड़की दोनों एक ही दर्द साझा कर रहे हैं:

“की किसमेर गम दिलो मी भुलुआ नि पाहि
धोखा ई किसम दिलो मी सोह्बा नि पाहि”

प्यार में मिला धोखा, उस घाव को देता है जो भुलाना नामुमकिन हो जाता है।


🤝 वादों की कसमें, और आंखों की मोहब्बत

लड़का दर्द के साथ याद करता है कि कैसे किसी ने हाथ में हाथ डालकर वादा किया था:

“कत्ते वादा करीसलो, कत्ते कसम खाहिस्लो
हाथेर पोर हाथ राखे, मोर आंखोत दखिस्लो”

और फिर वही लड़की बेवफा हो गई। अब वह कहता है:

“दिल डार जखम खान मी सोह्बा नि पाहि”


🌍 बिना उसके, दुनिया अधूरी है

लड़का कहता है:

“जीना नीछे तोर बिना, दुनिया है गेल मोर सुना
सुना जिन्दगी डार, संग्हे करे दुमु आज गुनाह”

उसका प्रेम इतना सच्चा था कि अब वह इस दुनिया को ही छोड़ने की बात कर रहा है।

🎶 पूरे गाने के बोल (Lyrics):


🧑 लड़का:

की किसमेर गम दिलो मी भुलुआ नि पाहि

की किसमेर गमदिलो मी भुलुआ नि पाहि
धोखा ई किसम दिलो मी सोह्बा नि पाहि (×2)


👩 लड़की:

की किसमेर गमदिलो मी भुलुआ नि पाहि


🧑 लड़का:

कत्ते वादा करीसलो, कत्ते कसम खाहिस्लो

हाथेर पोर हाथ राखे, मोर आंखोत दखिस्लो
दिल डार जखम खान मी सोह्बा नि पाहि (×2)


👩 लड़की:

की किसमेर गमदिलो मी भुलुआ नि पाहि


🧑 लड़का:

धोखा ई किसम दिलो मी सोह्बा नि पाहि (×2)


👩 लड़की:

की किसमेर गमदिलो मी भुलुआ नि पाहि


🧑 लड़का:

जीना नीछे तोर बिना, दुनिया है गेल मोर सुना
सुना जिन्दगी डार, संग्हे करे दुमु आज गुनाह

ओसे ती दखेले मी दुनिया छोड़े जाही (×2)


👩 लड़की:

की किसमेर गमदिलो मी भुलुआ नि पाहि


🧑 लड़का:

धोखा ई किसम दिलो मी सोह्बा नि पाहि (×2)


👩 लड़की:

की किसमेर गम दिलो मी भुलुआ नि पाहि


🧑 लड़का (अंत):

की किसमेर गम दिलो मी भुलुआ नि पाहि


📌 निष्कर्ष:

यह गीत सिर्फ़ एक प्रेम गीत नहीं बल्कि उन लोगों की

आवाज़ है जिनका दिल टूटा है।

सुधीर सिंघा की यह रचना सच्चे इश्क़ की गहराई

और दर्द को बख़ूबी दर्शाती है। अगर आप भी प्यार में

टूटी कसमें और अधूरी मोहब्बत को महसूस कर चुके हैं,

तो यह गाना आपके दिल को छू जाएगा।

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