दी साल आरहो थाम

दी साल आरहो थाम

“दी साल आरहो थाम” – एक सुरजापुरी प्रेम गीत

गीतकार: सुधीर सिंघा


🧕 लड़की की मीठी तकरार – “मीठा पत्ता पान सन भई…”

बोल:

scssCopyEditसुनरे सन भई लागोछिस ती मीठा पत्ता पान – (3 बार)  
कनिया दखे घुमोछिस ती नीछे तोर इमान  
कनिया दखे घुमोछिस तोर मान नीछे बेईमान – (2 बार)

भावार्थ:
लड़की चुटकी ले रही है कि लड़का मीठे पत्ते पान जैसा लग रहा है, लेकिन कन्याओं को देखकर उसका मन डगमगा जाता है। वो इशारा करती है कि उसका इमान और मान दोनों हिल गए हैं!


🧔 लड़के का जवाब – “सुरजापुरी आम सन बहिन…”

बोल:

scssCopyEditसुनगे सन बहिन लागोछिस ती सुरजापूरी आम – (2 बार)  
ओसले दूल्हा करिस मना ती दी साल आरहो थाम – (2 बार)  
गे सन बहिन दी साल आरहो थाम

भावार्थ:
लड़का जवाब देता है कि वो तो एकदम सुरजापुरी आम की तरह लग रही है। वो बताता है कि उसने पहले ही शादी मना कर दी थी, अब तो दो साल और इंतज़ार करो!


💃 नटखट कन्याओं की बात – “पांच-छह कनिया…”

बोल:

CopyEditपांच छह डा कनिया दखनु ते कोई कालो कोय नाटी गे  
तोर मान नीछे कोय मोर अपना ती रानी गे

भावार्थ:
लड़का मानता है कि उसने कई कन्याओं को देखा, कोई काली, कोई नाटी… लेकिन मन से तो सिर्फ एक ही को रानी मानता है।


👑 लड़की की टशन – “कल मोक सलमान खान…”

बोल:

scssCopyEditसुनरे सन भई दखुआ ओसिसले कल मोक सलमान खान – (2 बार)  
मोक दखे पसीन करे लिले ती माथा पकडे कान – (2 बार)

भावार्थ:
लड़की कहती है कि कल एक ने मुझे सलमान खान समझ लिया! मुझे देखकर पसीना आने लगा, और वो तो सिर पकड़कर कान भी पकड़ लिया।


💼 सरकारी नौकरी पर चुटकी – “जल्दी नोकरी ढुरेले…”

लड़की के बोल:

CopyEditजल्दी नोकरी ढुरेले सन भई जल्दी पठा वकील रे  
मोर जवानी छल्कोछे तब भी नि ती सम्झोछिस रे

लड़की का तंज:
अब लड़की थोड़ी गंभीर होती है – कहती है जल्दी नौकरी खोजो और वकील भेजो! मेरी जवानी ढल रही है, फिर भी तुम समझ नहीं रहे!


👨‍💼 लड़का फिर मज़ाक में – “सरकारी नोकरी नीछे गाछेर आम…”

बोल:

scssCopyEditसुनगे सन बहिन सरकारी नोकरी नीछे गाछेर आम – (2 बार)  
ओसले दूल्हा करिस मना ती दी साल आरहो थाम – (2 बार)

भावार्थ:
लड़का फिर से उसी बात को दोहराता है – कहता है सरकारी नौकरी ऐसे नहीं मिलती जैसे आम पेड़ पर लगे हों। इसलिए अभी नहीं, दो साल बाद सोचेंगे शादी के बारे में।


🎶 अंतिम समापन – गीत की पुनरावृत्ति

गीत के अंत में फिर से वही पंक्तियाँ दोहराई जाती हैं – मीठा पत्ता पान, इमान-बेईमान, और वही दो साल इंतजार वाला तकिया-कलाम। यही इस लोकगीत की खूबसूरती है – हल्के-फुल्के तानों और दिलचस्प संवादों के साथ एक मिठासभरी प्रेम गाथा।


🌾 गीत की विशेषता:

  • भाषा: सुरजापुरी
  • शैली: संवादात्मक लोकगीत
  • भाव: प्रेम, व्यंग्य, हास्य
  • लोकजीवन का आईना: नौकरी, शादी, इमान, टशन – सब कुछ इस गीत में समाया है।

https://www.youtube.com/watch?v=f1bvU_OI7hc

https://sudhirsingha.com/sudhir-singha-blog

https://sudhirsingha.blogspot.com/?zx=798396b6baefc770

🎶 गीत: दी साल आरहो थाम

Lyrics: Sudhir Singha
Language: Surjapuri


🧕 लड़की के बोल:

अंतरा 1:

सुनरे सन भई लागोछिस ती मीठा पत्ता पान – (3 बार)  
कनिया दखे घुमोछिस ती नीछे तोर इमान
कनिया दखे घुमोछिस तोर मान नीछे बेईमान – (2 बार)

🧔 लड़के के बोल:

अंतरा 2:

सुनगे सन बहिन लागोछिस ती सुरजापूरी आम – (2 बार)  
ओसले दूल्हा करिस मना ती दी साल आरहो थाम – (2 बार)
गे सन बहिन दी साल आरहो थाम

🧑‍🤝‍🧑 लड़का – कन्याओं की तुलना करते हुए:

अंतरा 3:

पांच छह डा कनिया दखनु ते कोई कालो, कोय नाटी गे  
तोर मान नीछे कोय मोर अपना ती रानी गे

💃 लड़की का जवाब (टशन में):

अंतरा 4:

सुनरे सन भई दखुआ ओसिसले कल मोक सलमान खान – (2 बार)  
मोक दखे पसीन करे लिले ती माथा पकडे कान – (2 बार)

🙆 लड़का फिर वही दोहराता है:

अंतरा 5 (Refrain):

सुनगे सन बहिन लागोछिस ती सुरजापूरी आम – (2 बार)  
ओसले दूल्हा करिस मना ती दी साल आरहो थाम – (2 बार)
गे सन बहिन दी साल आरहो थाम

👩‍⚖️ लड़की फिर बोलती है नोकरी के बारे में:

अंतरा 6:

जल्दी नोकरी ढुरेले सन भई जल्दी पठा वकील रे  
मोर जवानी छल्कोछे तब भी नि ती सम्झोछिस रे

👨‍💼 लड़का नोकरी को लेकर फिर मज़ाक करता है:

अंतरा 7:

सुनगे सन बहिन सरकारी नोकरी नीछे गाछेर आम – (2 बार)  
ओसले दूल्हा करिस मना ती दी साल आरहो थाम – (2 बार)

🔁 अंत में लड़की की अंतिम पुकार (पुनरावृत्ति):

अंतरा 8:

सुनरे सन भई लागोछिस ती मीठा पत्ता पान – (3 बार)  
कनिया दखे घुमोछिस ती नीछे तोर इमान
कनिया दखे घुमोछिस तोर मान नीछे बेईमान

🔚 लड़के का अंतिम जवाब:

ओसले दूल्हा करिस मना ती दी साल आरहो थाम – (2 बार)  
गे सन बहिन दी साल आरहो थाम

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