मोर जवानी बानेर पानी

🎶 Lyrics & Composition by: Sudhir Singha

मोर जवानी बानेर पानी

🌧️ “मोर जवानी रे बानेर पानी” – एक सुरजापुरी लोकगीत की मोहक रिमझिम कहानी

🎶 Lyrics & Composition by: Sudhir Singha


🪔 भूमिका – एक ग्रामीण प्रेमगीत की बूँदों भरी कविता

सुरजापुरी बोली में रचा गया यह लोकगीत एक युवती की जवानी को बरसात की पहली बारिश से जोड़ता है, जहाँ भावनाएँ बादलों की तरह उमड़ती हैं और प्रेम की फुहारें खेतों में नहीं, दिलों में बहती हैं। गीत एक संवाद है—लड़की की व्यथा और लड़के की सफाई के रूप में। दोनों की बातों में प्रकृति, प्रेम और पीड़ा की गहराई है।


🧑‍🎤 गीत के बोल (Lyrics with Structure & Expression)

🔹 अंतरा 1: जवानी की पहली बारिश

लड़की:
मोर जवानी जवानी रे बानेर पानी (x2)
बहे जाहा बहे जाहा,
बहे जाहा बरसातोत ती जल्दी ओसनि (x2)

➡️ (“मेरी जवानी तो जैसे बानर (नदी) की पानी है… जो बरसात में हर तरफ बह निकलती है।”)


🔹 अंतरा 2: जवानी पर बंदिश और मज़बूरी

लड़का:
तोर जवानी बानेरपानी मी सोबला जानी (x2)
फ्लाई टोत ओसुआर (x2)
फ्लाई टोत ओसुआर मोर छियां पेईसा छे नि (x2)

➡️ (“मैं जानता हूँ कि तेरी जवानी बानर पानी जैसी है, मगर उड़े कैसे? मेरे पास उड़ान के लिए पैसे ही नहीं हैं।”)


🔹 अंतरा 3: अकेलापन और बिजली की चमक

लड़की:
बरसोछे पानी चम्कोछे बिजली,
याद सताछे तोहरे खाली (x2)

➡️ (“बाहर बारिश हो रही है, बिजली कड़क रही है, और मैं बस तुम्हारी याद में तड़प रही हूँ।”)


🔹 अंतरा 4: सफ़ाई और मजबूरी

लड़का:
ती बहाना न बना गे मोर रानी (x2)
फ्लाई टोत ओसुआर
फ्लाई टोत ओसुआर मोर छियां पेईसा छे नि (x2)

➡️ (“ऐ मेरी रानी, तू बहाने मत बना, मैं सच में मजबूर हूँ, मेरे पास आने-जाने का किराया नहीं है।”)


🔹 अंतरा 5: सावन का इंतज़ार

लड़की:
गेलो ती खटुआ भर सावन महिनात,
तर्सोछी तोर ताने घोरेर बिसनात (x2)

➡️ (“पूरा सावन बीत गया खटुआ (सूनापन) में… अब तो तुम्हारे बिना घर भी सूना लगता है।”)


🔹 अंतरा 6: मन की पुकार और टूटन

लड़का:
दी चार दिन थाम नि तोर जवानी सम्हलाय राखनी (x2)
फ्लाई टोत ओसुआर
फ्लाई टोत ओसुआर मोर छियां पेईसा छे नि (x2)

➡️ (“चार दिन ही तो कहे थे संभाल के रख अपनी जवानी… लेकिन मैं अभी भी वही मजबूरी में हूँ।”)


❤️ भावार्थ – इश्क़ की बारिश, गरीबी की छांव

इस गीत में लड़की की उमंग और चाह बारिश के पानी की तरह बह रही है, जबकि लड़का अपनी आर्थिक विवशता के कारण बस बहानों और सफाई में उलझा है। गीत प्रेम, मौसम और परिस्थिति के संगम पर बना है—जहाँ हर संवाद गाँव की सच्ची ज़िंदगी को दर्शाता है।


📜 उपसंहार – एक सुरजापुरी गीत, जो दिल भिगो दे

“मोर जवानी रे बानेर पानी” एक ऐसा गीत है जो ग्रामीण प्रेम, मौसमी बदलाव और सामाजिक आर्थिक सच्चाई को एक साथ पिरोता है। Sudhir Singha की लेखनी और धुन इसे और भी असरदार बनाती है।


🎧 सुनिए इस गीत को दिल से…

(यदि आप इस गीत को ऑडियो या वीडियो रूप में प्रस्तुत करना चाहते हैं, तो यह एक बेहतरीन मंचीय प्रस्तुति बन सकती है।)

https://sudhirsingha.blogspot.com/?zx=798396b6baefc770

https://sudhirsingha.com/sudhir-singha-blog

🎶 सुरजापुरी गीत: “मोर जवानी रे बानेर पानी”

गीतकार व संगीतकार – सुधीर सिंघा


💃 लड़की:

मोर जवानी जवानी रे बानेर पानी (२ बार)
बहे जाहा, बहे जाहा,
बहे जाहा बरसातोत, ती जल्दी ओसनि (२ बार)


🧑 लड़का:

तोर जवानी बानेर पानी मी सोबला जानी (२ बार)
फ्लाई टोत ओसुआर (२ बार)
फ्लाई टोत ओसुआर, मोर छियां पेईसा छे नि (२ बार)


💃 लड़की:

मोर जवानी बहे जाहा, चले ओसनि


💃 लड़की:

बरसोछे पानी, चम्कोछे बिजली,
याद सताछे तोहरे खाली
(२ बार)


🧑 लड़का:

ती बहाना न बना गे मोर रानी (२ बार)
फ्लाई टोत ओसुआर
फ्लाई टोत ओसुआर, मोर छियां पेईसा छे नि (२ बार)


💃 लड़की:

मोर जवानी जवानी रे बानेर पानी (२ बार)
बहे जाहा, बहे जाहा,
बहे जाहा बरसातोत, ती जल्दी ओसनि (२ बार)


🧑 लड़का:

फ्लाई टोत ओसुआर, मोर छियां पेईसा छे नि


💃 लड़की:

गेलो ती खटुआ भर सावन महिनात,
तर्सोछी तोर ताने घोरेर बिसनात
(२ बार)


🧑 लड़का:

दी चार दिन थाम नि, तोर जवानी सम्हलाय राखनी (२ बार)
फ्लाई टोत ओसुआर
फ्लाई टोत ओसुआर, मोर छियां पेईसा छे नि (२ बार)


💃 लड़की (पुनरावृत्ति):

मोर जवानी जवानी रे बानेर पानी (२ बार)
बहे जाहा, बहे जाहा,
बहे जाहा बरसातोत, ती जल्दी ओसनि (२ बार)


🧑 लड़का (पुनरावृत्ति):

तोर जवानी बानेर पानी मी सोबला जानी (२ बार)
फ्लाई टोत ओसुआर
फ्लाई टोत ओसुआर, मोर छियां पेईसा छे नि (२ बार)


💃 लड़की:

मोर जवानी बहे जाहा, चले ओसनि


🧑 लड़का:

फ्लाई टोत ओसुआर, मोर छियां पेईसा छे नि


💃 लड़की (अंत):

मोर जवानी बहे जाहा, बानेर पानीत चले ओसनि
हूँ हूँ हूँ हूँ…

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