💞 “मोर दिलेर बात करूम” Surjapuri Lok-Prem Geet | ✍️ Lyrics: Sudhir Singha
लददिर किनार पर पनपती प्रेम कहानी
मोर दिलेर बात करूम
💞 “मोर दिलेर बात करूम”
Surjapuri Lok-Prem Geet | ✍️ Lyrics: Sudhir Singha
🌿 परिचय: लददिर किनार पर पनपती प्रेम कहानी
यह गीत एक ऐसी मासूम और देसी प्रेम कहानी को बयां करता है, जहाँ
नायक-नायिका की बातचीत में गांव की सादगी, नदी किनारे का रोमांस,
और दिल से जुड़ी बातों की मिठास रची-बसी है।
सुधीर सिंघा की कलम से निकली यह रचना एक सांस्कृतिक चित्र की तरह है,
जिसमें किशनगंज, सिलीगुड़ी, गोरु, घाट और लददिर किनार
जैसे स्थानीय संदर्भ जीवन्त हो उठते हैं।
💬 पहली नज़र का इज़हार – बोठे बोठे गोप करूम
“चाल नि गे सन बहिन लददिर किनारात
बोठे बोठे गोप करूम
तोर आंखोत आँख राखे, दोनों खान हाथ धरे
मोर दिलेर बात करूम”
नायक अपनी भावनाओं को बेझिझक व्यक्त करता है – लददिर किनारे शांति से बैठकर
अपने दिल की बात कहने की तमन्ना हर सच्चे प्रेमी की होती है।
📱 मिलने की बेचैनी और फोन कॉल का इंतज़ार
“एक हफ्ता है गेल, आर नि रोह्मु
बा फोन करिहे, काहले जामु?”
लड़की की मासूम शिकायत सामने आती है कि अब और इंतज़ार नहीं होगा।
वहीं लड़का इसे एक रोमांटिक मौके में बदलने का बहाना बना देता है:
“चाल नेय जाम तोक किशनगंज घुमुआ,
सिल्लिगुरी नेय जाम सनीमा दखुआ”
💍 जब शादी में दिखी मोहब्बत की पहली झलक
“शादीर दिन दखिसनु, दिल डा तोहके दिसनु
तबसें मी दीवाना”
और लड़की भी स्वीकारती है:
“शादीत तोक दखिसनु, दिल डा तोहके दिसनु
लागोछिस तिहे अपना”
इस स्वीकारोक्ति के साथ यह गीत एक गहरे जुड़ाव और परस्पर मोहब्बत का संदेश देता है।
🐃 गोरु, घाट और दिल की बात
“तोर जीजा कहिये मोक जा लददिर घाटोत
गोरु गेय ला बन्हाल छे, जल्दी जय नेय ओस”
यह संवाद एक तरफ हास्य पैदा करता है, वहीं दूसरी
ओर यह ग्रामीण जीवन के यथार्थ को भी सामने लाता है।
“चाल नि ती मोर संग्हे लददिर घाटोत
ती आर मी रोह्मु लददिर घाटोतमन डा भरे बात करूम”
आख़िरकार लड़का चाहता है कि वह और लड़की साथ चलें,
दूर कहीं, जहाँ सिर्फ़ मन की बात हो – “दिलेर बात”।
🎵 गीत के पूरे बोल (Lyrics):
🧑 लड़का:
चाल नि गे सन बहिन लददिर किनारात
बोठे बोठे गोप करूम
तोर आंखोत आँख राखे दोनों खान हाथ धरे
मोरदिलेर बात करूम
👩 लड़की:
चाल नि रे सन भई लददिर किनारात
दोनों झने गोप करूम
🧑
तोर आंखोत आँख राखे दोनों खान हाथ धरे
मोर दिलेर बात करूम
👩
एक हफ्ता है गेल आर नि रोह्मु
बा फोन करिहे काहले जामु
🧑
चाल नेय जाम तोक किशनगंज घुमुआ
सिल्लिगुरी नेय जाम सनीमा दखुआ
👩
एक हफ्ता है गेल आर नि रोह्मु
बा फोन करिहे काहले जामु
🧑
चाल नेय जाम तोक किशनगंज घुमुआ
सिल्लिगुरी नेय जाम सनीमा दखुआ
🧑
शादीर दिन दखिसनु, दिल डा तोहके दिसनु
तबसें मी दीवाना
👩
शादीत तोक दखिसनु, दिल डा तोहके दिसनु
लागोछिस तिहे अपना
🧑
चाल नि गे सन बहिन लददिर किनारात
बोठे बोठे गोप करूम
👩
चाल नि रे सन भई लददिर किनारात
दोनों झने गोप करूम
🧑
तोर आंखोत आँख राखे दोनों खान हाथ धरे
मोरदिलेर बात करूम
👩
डूबे जहा बेला डा कब लेजाबो ती
दिलेर बात दिल डात राखे दीबो की
🧑
तोर जीजा कहिये मोक जा लददिर घाटोत
गोरु गेय ला बन्हाल छे जल्दी जय नेय ओस
👩
डूबे जहा बेला डा कब लेजाबो ती
दिलेर बात दिल डात राखे दीबो की
🧑
चाल नि ती मोर संग्हे लददिर घाटोत
दोनों झने नेय ओसुम गोरु गेय ला घोरोत
ती आर मी रोह्मु लददिर घाटोत
मन डा भरे बात करूम
👩
चाल नि रे सन भई लददिर किनारात
दोनों झने गोप करूम
🧑
तोर आंखोत आँख राखे दोनों खान हाथ धरे
मोर दिलेर बात करूम
👩
दोनों झने गोप करूम
🧑
मोर दिलेर बात करूम
👩
दोनों झने गोप करूम
🧑
मोर दिलेर बात करूम
📌 निष्कर्ष:
“मोर दिलेर बात करूम” सिर्फ़ एक गाना नहीं, बल्कि एक लोक प्रेम कथा है,
जिसमें प्यार, प्रतीक्षा, मज़ाक और वादे सब कुछ शामिल हैं। यह गीत उन तमाम लोगों को अपने गाँव,
अपनी बोली और अपनी पहली मोहब्बत की याद दिला देगा।
rural feeling song