मकई बेचे आनुमकुन बारात

मकई बेचे आनुमकुन बारात

🌽 मकई बेच के आनुम बारात

✍️ Lyrics: Sudhir Singha | एक सुरजापुरी देसी शादी गीत


💍 परिचय – जब सगाई हो गई, पर शादी लटक गई!

सुरजापुरी भाषा में लिखे गए इस देसी गीत में उस प्रेम कहानी को आवाज दी गई है, जो सगाई के बाद शादी की तारीख के लिए तड़प रही है
लड़की बेसब्र है, तो लड़का भी इरादों का पक्का है — बोले “मकई बेच के ही बारात ले आएंगे!”

🎵 गीत के बोल | Surjapuri Lyrics with Feel


👩 लड़की:

सगाई करे शादी लटकय,
दिलो मन डा कानोछे दिन रात


👦 लड़का:

पांच छह डा महिना थाम नि गे,
मकई बेचे आनुम कुन बारात
(×2)


💌 जब बातों में ही प्यार खिलने लगे


👦

जेई दिन से ती फोन लगाहिस,
कोयछा नि मोर मन लागोछे


👩

चौबीसों घंटा बात करुआर,
तोर संग्हे मोर मन डा करोछे


💸 दहेज मुक्त प्रेम – मकई से शादी का जुगाड़


👦

केश नि लुमु, दहेज़ नि लुमु,
मकई बेचे मी शादी रचामु


👩

कन्हे रह्मु पांच छह डा महिना,
सताबे मोक बरसात
(×2)


👦

पांच छह डा महिना थाम नि गे,
मकई बेचे आनुम कुन बारात
(×2)


🌙 रात की तड़प, इश्क़ की तपिश


👦

जेई दिन से तोक मी दखियाही गे,
तड़पे तड़पे रात काटोछी


👩

की जादू ती करे दिलो,
तन बदन डट आग लगय दिलो


🕺 कमर हिली नहीं, और दूल्हा बेताब हो गया!


👦

तोर कमर खान हिलय न बेरा,
आझे कोटोत नेय करूम तोक बेहा


👩

मंगा ती जल्दी स्कार्पियो,
नेय चाल पुरनिया
(×2)


👦

पांच छह डा महिना थाम नि गे,
मकई बेचे आनुम कुन बारात


👩

आर मी नि थामुम रे,
जल्दी मकई बेच चले जातोक बरसात
(×3)


👦

पांच छह डा महिना थाम नि गे,
मकई बेचे आनुम कुन बारात


🎊 गीत का सार – मेहनत से रची सच्ची मोहब्बत

इस गीत में एक ऐसी प्रेम कहानी है, जो देहात के ज़मीन से जुड़ी है।
न दहेज की लालच, न दिखावे की दुनिया — बस इच्छा है तो मकई बेचकर भी शादी करने की।
यह है सीमांचल की सच्ची मोहब्बत, जो भूख, बरसात और इंतज़ार सब सह लेती है।

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