💃🎶 “ती लड़की गे भोली भाली” – सुरजापुरी लोकशैली में छेड़ी मोहब्बत की शरारती तकरार -ती लड़कीगे भोली भाली💞✨
जब सादगी मिल जाए नखरे से, और दिल हार जाए चाल से – तब जन्म लेता है सुरजापुरी इश्क का मजेदार नगमा-ती लड़कीगे भोली भाली
ती लड़कीगे भोली भाली
💃🎶 “ती लड़की गे भोली भाली” – सुरजापुरी लोकशैली में छेड़ी मोहब्बत की शरारती तकरार 💞✨
जब सादगी मिल जाए नखरे से, और दिल हार जाए चाल से – तब जन्म लेता है सुरजापुरी इश्क का मजेदार नगमा।
📜 परिचय:
सुरजापुरी भाषा की मिठास और गांव की गलियों में पनपा
अल्हड़ प्यार जब गीत बनकर बहता है, तो वो दिल को गुदगुदा
भी देता है और मुस्कान भी दे जाता है।
“ती लड़की गे भोली भाली तोर मन नि कोय सूरतवाली”
एक ऐसा ही गीत है – जिसमें लड़के की शरारत भरी तारीफ,
लड़की की इतराती हुई नज़ाकत, और दोनों के बीच की
नोकझोंक गाने को खास बनाती है।
यह गाना मनोरंजन, लोक-संस्कृति और
सुरजापुरी स्टाइल का एक जीवंत मिश्रण है – जिसे सुनकर
आप खुद-ब-खुद थिरकने लगेंगे।

🎵 गीत के बोल (Surjapuri Lyrics): 🎵
लड़का:
ती लड़की गे भोली भाली तोर मन नि कोय सूरतवाली (×2)
बेराहिस कमर खान मटकय, तोर चाल छे गे मतवाली
तोर दिल डा मोक देनी गे, तोर मन डा मोक देनी गे (×2)
लड़की:
मी छि भोली भाली, मी त सूरतवाली (×2)
अच्छा से सम्झेले, मी छि नखरा वाली
अच्छा से दखेले, मी छि नखरा वाली
लड़का:
ती लड़की गे भोली भाली तोर मन नि कोय सूरतवाली
लड़का:
तोर गुलाबी होठ, तोर गोरो गोरो गाल
मोक पागल बनाछे तोर नागिनेर चाल
लड़की:
खाली ती हे नि छिस, छे सभारो बुरा हाल (×2)
लड़का:
सबसे बेसी छे मोर बुरा हाल (×2)
तोर दिल डा मोक देनी गे, तोर मन डा मोक देनी गे (×2)
ती लड़की गे भोली भाली, तोर मन नि कोय सूरतवाली
बेराहिस कमर खान मटकय, तोर चाल छे गे मतवाली
लड़की:
मी छि भोली भाली, मी त सूरतवाली
अच्छा से दखेले, मी छि नखरा वाली
लड़का:
ती लड़की गे भोली भाली तोर मन नि कोय सूरतवाली
लड़की:
मी उप्पर से निच्चान तक, जन्नतेर हूर
सोब गे दीवाना है जाछे, मोर की कसूर
इ हुश्नेर छे रे मोक गुरुर (×2)
लड़का:
तोर सोब ला बातोत करूम जी हुजुर (×2)
तोर दिल डा मोक देनी गे, तोर मन डा मोक देनी गे (×2)
ती लड़की गे भोली भाली तोर मन नि कोय सूरतवाली
बेराहिस कमर खान मटकय, तोर चाल छे गे मतवाली
लड़की:
मी छि भोली भाली, मी त सूरतवाली
अच्छा से दखेले, मी छि नखरा वाली
लड़का:
ती लड़की गे भोली भाली तोर मन नि कोय सूरतवाली
🌟 निष्कर्ष:
यह गीत एक संपूर्ण लोक-प्रेम गाथा है, जिसमें छेड़छाड़ भी है,
मोहब्बत भी है, और नखरे भी।
सुरजापुरी भाषा में रचा गया यह गीत उन युवाओं के दिल की
आवाज़ है जो मोहब्बत में चुटीले अंदाज़ को भी जीते हैं।
अगर आपको लोकभाषा के आधुनिक रंग और ग्राम्य
सौंदर्य की झलक चाहिए — तो यह गीत जरूर सुनिए।
यह गाना सिर्फ एक धुन नहीं, एक एहसास है —
सुरजापुरी माटी से निकली मोहब्बत की खुशबू।
sudhir jee aap bahot achhe surjapuri song likhte hai.